२०११ के जनगणना के आधार पर भारत में साक्षरता दर ८० फीसदी के पार जा चुकी है लेकिन महिलाए आज भी संवेदनशील स्तिथि में है महिलाए सुचना प्रोद्योगिकी के युग में आर्थिक सामाजिक एवं राजनितिक सुरद्वाा के साथ साथ अपनी शारीरिक मानसिक सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही है स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आनेक योजनाए व कार्यक्रम सहित अधिनियम को शासन द्वारा लागु किया गया किन्तु आज भी २१वा शताब्दी में बलात्कार , बर्बर हत्या , दहेज़ हत्या, जिन्दा जला देना, मारपीट जैसी घटनाएँ समाज में महिलाओ की सुरक्षा का प्रश्न चिह्न लगा देती है महिलाओ के प्रति हिंसा प्रकृति ने भारतीय समाज के आर्थिक राजनितिक और सांस्कृतिक विकास पर भी नकरात्म का प्रभाव पड़ रहा है आज भी समाज में लड़कियों की शादी में सम्मान व प्रतिष्ठता के चलते लाखो करोडो का धन वर (लड़के) पक्ष को दिया जाता है जो एक तरह से लालच है जिंदगी भर के लिए वधु (लड़की) को एक सुरक्षा के घेरे में बाँध देता है यदि इस धन का कुछ अंश प्रतिशत लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करदे तो उनमे आत्मविश्वास पैदा होगा जिससे अपनी प्रतिष्ठा व सम्मान की रक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य का भी ख्याल कर सकेगी महिला सुरक्षा पर दिल्ली जैसे चेहरों पर प्रश्न चिन्ह है क्योकि आए दिन यहाँ बलात्कार, दुष्कर्म, हत्या आम बात है जिसके परिणाम स्वरूप इस शहर को महिलाओ के लिए विश्व भर की सबसे असुरक्षित जगहों में गिना जाता है अतः महिला सुरक्षा में किसी एक पेहलू को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता क्योकि यह चुनौती सामूहिक प्रयास से ही प्राप्त हो सकती है जिसमे शिक्षित व जागरूक समाज के साथ साथ शासन प्रशासन की सामूहिक प्रभावी भूमिका होनी नितांत आवश्यक है
महिला सुरक्षा मुद्दे एवं चुनौतियां
₹785 ₹628
50 in stock
SKU: 9788194031536 Categories: Women Studies, Sociology
Weight | 200 g |
---|---|
Author's Name | |
Binding | Hardbound |
Pages | 202 |
Size | |
Language | Hindi |
Publisher | Nalanda Prakashan |
Release Year |
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