यह पुस्तक मन्नूलाल त्रिपाठी ‘शील‘ के जीवन, व्यक्तित्व और साहित्य का समवेत साक्षात्कार कराती है। आन्दोलनकारी शील जी को आन्दोलनों से साहित्य सृजन हेतु कच्चा माल मिलता तथा साहित्यकार शील जी को साहित्य सृजन से आन्दोलनों के लिये प्रेरणा मिलती। शील जी की इस प्रकार की सक्रियता में कबीर की छवि का दर्शन कराते हुए यह पुस्तक बताती है कि बाल्यकाल से अंतिम समय तक सक्रिय रहने वाले शील जी का साहित्यिक अवदान हिन्दी साहित्य में एक महाकवि का अवदान है। इस पुस्तक में शील जी की रचनाओं का समीक्षात्मक अध्ययन किया गया है तथा यह देखने को मिलता है कि शील जी के लेखन में विषय गाम्भीर्य व वर्णन सौन्दर्य उच्चकोटि का है। साथ ही अध्ययन के दौरान यह आश्चर्यजनक लगा कि इतनी बड़ी सृजनात्मकता साहित्येतिहासकारों की दृष्टि से ओझल क्यों रही ! शील जी के साहित्य को अपेक्षित स्थान और महत्व क्यों नहीं दिया गया! यह पुस्तक कबीर, निराला और मुक्तिबोध की परम्परा में तर्कसंगत ढंग से शील जी को रखते हुए विशिष्ट कविचतुष्टय की सार्थक और अनिवार्य अवधारणा भी प्रस्तुत करती है।
Mannulal Tripathi ‘Sheel’ aur Unka Kratitv ( मन्नूलाल त्रिपाठी ‘शील’ और उनका कृतित्व )
₹725 ₹580
30 in stock
SKU: 9788194398431 Categories: नालंदा प्रकाशन, Literature
Author's Name | |
---|---|
Binding | Hardbound |
Pages | NA |
Size | |
Language | Hindi |
Publisher | Nalanda Prakashan |
Release Year |
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